भगवान् श्रीराम की एक बहन भी थीं

 आचार्य सतीश कुमार 9555869444

भगवान् श्रीराम जी की एक बहन भी थीं, लेकिन रामायण में क्यों रहीं गुमनाम?

शान्ता महाराजा दशरथ और कौशल्या की बेटी थीं, जिन्हें अंग देश के राजा रोमपद और कौशल्या की बड़ी बहन वर्षिणी ने गोद लिया गया था. वर्षिणी की कोई संतान नहीं थी. एक बार वर्षिणी अपने पति के साथ अपनी बहन से मिलने अयोध्या आई थीं. वर्षिणी ने मजाक में शांता को गोद लेने की इच्छा जताई. वर्षिणी की ये बात सुनकर राजा दशरथ ने उन्हें अपनी बेटी शांता को गोद देने का वचन दे दिया और इस तरह शांता अंग देश की राजकुमारी बन गईं।

शांता ऋषि श्रृंग की पत्नी थीं. शांता और ऋषि श्रृंग के वंशज सेंगर राजपूत हैं ।

शान्ता के विवाह का कारण

शांता को वेद, कला और शिल्प का अनूठा ज्ञान था, वह बहुत सुंदर थीं. एक दिन राजा रोमपद, शांता के साथ बातचीत में व्यस्त थे तभी एक ब्राह्मण मॉनसून के दिनों में राजा से खेती में मदद मांगने आया. रोमपद ने ब्राह्मण की याचना पर ध्यान नहीं दिया. अपनी उपेक्षा से नाराज ब्राह्मण वहां से चले गए. वर्षा के देव इंद्रदेव भी अपने भक्त के इस अपमान से नाराज हो गए. इसलिए मॉनसून के मौसम में वहां बहुत कम वर्षा होती थी. सूखा पड़ने से वहां हाहाकार मच गया।

इस समस्या से मुक्ति पाने के लिये रोमपद ऋषि शृंग के पास गये। रोमपद ऋषि श्रृंग से यज्ञ करने की विनती करते हैं। ऋषि श्रृंग के कहेनुसार यज्ञ किया जाता है जिसके बाद अंग देश में वर्षा होती हैं और सूखे की समस्या खत्म हो जाती है. इससे प्रसन्न होकर रोमपद ने अपनी पुत्री शांता का विवाह ऋषि श्रृंग से कर दिया।

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