एक ही साथ चार रूपों में भगवान् जन्म ले

 आचार्य पं. सतीश कुमार शास्त्री 9555869444



एक ही साथ चार रूपों में भगवान् चारों युगों में अवतरित होते हैं।

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सतयुग में भगवान चार रूपों में एक साथ अवतरित हुये इस प्रकार से-


सनक, सनंदन, सनातन, सनत्कुमार  की वन्दना-

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तुभ्यं नमो सनकाय सनन्दनाय धीमहि।                नमो सनत्कुमाराय सनातनाय प्रशान्भ्यः।।

 (स्वरचित)🙏🏻


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त्रेतायुग में भगवान चार रूपों में एक साथ अवतरित हुये इस प्रकार से-

राम, लक्ष्मण, भारत, शत्रुघ्न की वन्दना

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नमो भगवते तुभ्यं जानकीशाय धीमहि।
लक्ष्मणाय भरताय शत्रुघ्नाय नमो नमः।।

(स्वरचित)🙏

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द्वापुर युग में भगवान चार रूपों में एक साथ अवतरित हुये स प्रकार से-

श्री कृष्ण संकर्षण (बलराम), प्रद्युम्न, अनिरुद्ध की वन्दना

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नमस्तुभ्यं भगवते वासुदेवाय धीमहि। प्रद्युम्नायानिरुद्धाय नमः सङ्कर्षणाय च।।

(श्लोक श्रीमद्-भागवत से लिया गया है.....)🙏🏻

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कलियुग में भगवान चार रूपों में एक साथ अवतरित हुये इस प्रकार से-


कवि, प्राज्ञ, सुमन्त्रक, और श्री कल्कि की वन्दना

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नमोSस्तुते भगवते श्रीकल्कि-प्रभवे नमः।
सुमन्त्रकाय नमस्तुभ्यं प्राज्ञाय कवये नमः।।

स्वरचित🙏

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