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(1) लग्नेश यदि छठे आठवें और 12 वें स्थान में स्थित हो तो प्राय: कष्ट होता है। (2) लग्नेश व चंद्रमा दोनों पापा ग्रह से युक्त हों लग्नेश कमजोर हो तथा लग्न या चंद्रमा पर शुभ ग्रहों की दृष्टि ना हो तो अरिष्ट होता है (3) क्षीण चंद्रमा बारहवें भाव में हो तथा उस पर राहु की दृष्टि हो (4) पापा ग्रह से युक्त लग्नेश सप्तम(मारक) स्थान में हो (5) पाप ग्रह से युक्त लग्नेश सप्तम स्थान में हो (6) सिंह राशि का शुक्र 6,8,12 स्थान में स्थित हो तथा पाप ग्रहों की दृष्टि हो। (7) सिंह के नवांश में शनि हो तथा उस पर राहु की दृष्टि हो साथ ही चंद्रमा चतुर्थ में एवं सूर्य षष्ठम भाव में हो (8) जन्म राशि का स्वामी पापा ग्रहों से युक्त होकर अष्टम स्थान में हो (9) सूर्य चंद्रमा शनि तीनों एकत्र होकर 6 8 12 स्थानों में कहीं हो (10) चंद्र व बुध दोनों केंद्र में हो शनि या मंगल (अस्त) की उन पर दृष्टि हो तो परम अरिष्ट जानना चाहिये।
सन् 2023 वर्ष के महत्वपूर्ण दिवस एवं महापुरुष दिवस
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आचार्य सतीश कुमार शास्त्री 9555869444 साल के सभी महत्वपूर्ण दिवस और महापुरुषों की सूची 💫💫💫💫💫💫💫 Important Days in Hindi and Mahapurush birthday punyatithi वर्ष के महत्वपूर्ण दिवस ( दिन एवं दिनांक) ( Important Days in Hindi ) की जानकारी– इतिहास की किसी महत्वपूर्ण घटना के दिन या किसी महान व्यक्तित्व के जन्म दिन को विश्व स्तर या राष्ट्र स्तर पर महत्वपूर्ण दिवस* के रूप में मनाया जाता है। इन्हीं महत्वपूर्ण दिवसों की सूची को नीचे दिया गया है। इस सूची में से सामान्यतया सभी प्रतियोगी परीक्षायों में प्रश्न पूछे जाते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए और विशेष तौर पर हिन्दी माध्यम के प्रतियोगियों के लिए यह सूची हिन्दी में बनायी गई है। हमें पूरा विश्वास है, कि हमारे प्रिय पाठकों को प्रतियोगी परीक्षायों में अवश्य लाभ होगा। वर्ष के महत्वपूर्ण दिवस 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ 💛💚❤️💙🤍💙❤️💚💛 1 जनवरी अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस 💛💚❤️💙🤍💙❤️💚💛 5 जनवरी श्रीगुरु गोविंद सिंह जयंती (नानकशाही) 💛💚❤️💙🤍💙❤️💚💛 9 जनवरी प्रवासी भारतीय दिवस यह दिवस 9 जनवरी 1915 को महात्मा गाँधी जी के...
वेद का सिद्धान्त छाया राहु व केतु के पड़ने से ग्रहण
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वेद, पुराण, शास्त्रों में बताया गया है छाया तम अंधकार ही राहु केतु हैं ऋग्वेद पञ्चम मण्डल में ग्रहण छाया के कारण बताया है उस छाया के दो भाग हैं (पृथ्वी और चंद्रमा की छाया है) सूर्य का चांद के पिछले हिस्से से पड़ने वाली अंधकार की पृथ्वी पर छाया, तथा पृथ्वी के सूर्य के प्रकाश के विपरीत पीछे की छाया जो चंद्रमा पर पड़ती है। विषय में ही बताया गया इसका मानवी इनका प्रभाव होता है इस कारण से ग्रहों का प्रभाव होता है इसलिए इसे धर्म से जोड़ा जाना आवश्यक है जब तुम्हारा आधुनिक विज्ञान पैदा भी नहीं हुआ वेद उससे बहुत पहले का ज्ञान है सूर्य सिद्धान्त भी बहुत पुराना है ब्रह्मा सिद्धान्त भी बहुत पुराना है आपके विज्ञान से पूर्व इन दोनों ग्रंथों में लिखा है "तेजसानां गोलक: सूर्य: निस्तेज: सर्वे ग्रहा:" तेजवान अर्थात प्रकाशवान केवल सूर्य है और सभी ग्रह सूर्य के प्रकाश से चमकते हैं बच्चों को सिखाने के लिए कुछ धर्म अपनाया जाय किन्तु वेदों का अपना सिद्धान्त है
गोपाष्टमी महोत्सव गोनवरात्र
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आचार्य सतीश कुमार शास्त्री 9555869444 गोपाष्टमी महोत्सव 1 नवंबर 2022 गोपाष्टमी के दिन गोपूजन की परम्परा है, यह पूजा सुरभि (काम धेनु) के रूप में होती हैं। कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर यानि गोवर्धन पूजा से लेकर और आंवला नवमी (कार्तिक शुक्ला नवमी) तक गौ नवरात्रे कहलाते हैं। कार्तिक शुक्ला अष्टमी विशेष रुप से गो पूजन का दिन है। अनेक कल्प हुये हैं उन कल्पों का सृजन अनेक प्रकार से हुआ है किसी कल्प में ब्रह्मा जी से सुरभि की उत्पत्ति हुई तो किसी अन्य कल्प में गोपाष्टमी के दिन समुद्र से कामधेनु की उत्पत्ति । कामधेनु रूपा गौमाता में 33 कोटि देवताओं का निवास है। आज के दिन जो कोई भी गो पूजा करेंगे उनको सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलेगा। कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा अन्नकूट की गोवर्धन पूजा होती है ब्रज वासियों ने इन्द्र का पूजन न करके भगवान श्री कृष्ण के कहने से गिरिराज महाराज का पूजन किया तो बृजवासी इन्द्र के कोप के भाजन बने। इन्द्र ने सम्पूर्ण ब्रिज को नष्ट करने के लिए 7 दिन तक लगातार वर्षा की भगवान् श्रीकृष्ण ने समस्त ब्रजवासिय...
छठ पूजा क्या है कोई पौराणिक आधार है
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ज्यौतिषाचार्य सतीश कुमार शास्त्री 9555869444, 9210103470 30 अक्टूबर 2022 से छठ पूजा 4 दिन उपरान्त तक छठ पूजा का क्या कोई पौराणिक आधार है? पूर्वी उत्तर प्रदेश और खासकर बिहार में छठपूजा विशेष महत्वपूर्ण है। छठपूजा केवल एक पर्व नहीं है, अपितु ये तो एक महापर्व है, जो पूरे चार दिन तक चलता है। नहाये-खाये से इसका प्रारम्भ होता है, जो सूर्यास्त और सूर्योदय के अर्घ्य देने का प्रावधान है। ये पर्व उत्सव की भाॅंति वर्ष में दो बार मनाया जाता है। पहली बार चैत्र के महीने में और फिर दूसरी बार ये कार्तिक के महीने में। चैत्र के शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन मनाये जाने वाले छठ पर्व को 'चैती छठ' कहते हैं और कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन तो पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की षष्ठी पर्व को 'कार्तिकी छठ' कहते हैं। यह पर्व कहीं-कहीं सूरज छठ के नाम से भी जाना जाता है। पारिवारिक सुख-समृद्धि और मन इच्छित फल प्राप्ति के लिये ये त्यौहार मनाया जाता है। कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की षष...
सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर 2022
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ज्यौतिषाचार्य सतीश कुमार शास्त्री 9555869444, 9210103470 श्रीसूर्य ग्रहण पर्व शास्त्रीय कथन के प्रत्यक्ष उदाहरण आधुनिक पाश्चात्य पद्धति खगोल वैज्ञानिक महत्व सम्पूर्ण जानकारी सम्प्रति कार्तिक मास की अमावस्या (दिपावली की शाम) विक्रम सम्वत् 2079 (तदनुसार 25 अक्टूबर 2022) दिन मंगलवार को लगने वाले सूर्य ग्रहण, के विषय में विस्तृत परिचर्चा के साथ मैं ज्यौतिषाचार्य पंडित सतीश कुमार शास्त्री उपस्थित हुआ हूं 25 अक्टूबर को जो यह सूर्य ग्रहण लगेगा ऐसे अपूर्ण ग्रहण ग्रसित अस्त होने वाले ग्रहण अथवा एक ही पक्ष में दो ग्रहण आगे चन्द्रग्रहण भी है 👉🏻8 नवंबर को यह सब विशेष रूप से शास्त्रों के कथन अनुसार विशेष रूप से हानि प्रद होते हैं इनसे सावधान रहने के लिए ग्रहण काल में अन्न और वस्त्र का दान अतः किसी भी प्रकार रक्षा मंत्र के जाप करते रहना चाहिये या अन्य अनुष्ठान् करना चाहिये। 2019 में एक ही पक्ष में दो ग्रहण पड़े थे इसके बाद एक त्रासदी कोरोना महामारी फैली थी। 5 राशियों को कुछ अच्छा फल भी करेगा भाग्य में सुधार होगा ऐसा कुछ पंडित लो...